Friday 19 January 2018

बीते दिनों को याद करो

बीते दिनों को याद करो
मगर विपदाओं का त्याग करो
हुनर सीखे होगे अद्भुत
नव वर्ष पर इस्तेमाल करो
मन में ज्योति जला लो
हवा को साथ मिला लो
फफके न दर्द से कभी
ऐसे दिल का ख्याल करो
बीते..
कोई शत्रु नहीं है जीवन का
आपसी भाईचारा बनी रहे
स्मृतियों की छाया में हो जब
सकारात्मक तथ्यों से बात करो
बीते.....
नव सुबह होगी हर दिन दिल से
उज्ज्वल भविष्य की आस में
ले कठिन डगर हाथ में
निराश नहीं, प्रण करो
बीते...
साथ मिला अब तक जिनका
उनकी वजह से जगमग हूँ मैं
सफर में नहीं, अब भी तो क्या
शुक्रिया कहकर प्रणाम करो
बीते...
इस दुनिया की चहारदीवारी को
लाघो जितना कूद सको
देख सको खुद के अहम को
मैं से ही आओ हम पर, विश्वास करो
बीते...
आओ खुशियों का श्रृंगार करो
पूर्वाग्रह नहीं, दर्पण से विहार करो
जाओ किधर भी, बस याद रखो
दूसरे के अपनत्व का सम्मान करो
बीते...
पंखुरी से हर जख्म को पाट लो
प्रीत की डोर से अपराध काट लो
मार दो भय और जलन को सदा
उसे नहीं चाहे पर इतना उपकार करो
बीते...
-प्रभात का सुप्रभात
नव वर्ष की ढेरों 
शुभकामनाएं
पहले मुस्कुराएं फिर हँसे, फिर मुस्कुराएं.....और ये सिलसिला रुके नहीं..

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