Wednesday 11 January 2017

मुझे भी आज गाते हुए देखो

यूँ साँसों को जाते हुए देखो
यूँ रातों की उदासी को देखो
यूँ पहाड़ों से फिसलते हुए देखो
यूँ पंखे से लटकते हुए देखो
मुझे भी आज गाते हुए देखो
सिसकती आँखों में प्यार देखो
फिर उसमें कोई संसार देखो
फिर सामने से आते उसे देखो
फिर किसी और के साथ देखो
अब सीधी ई सी जी ग्राफ देखो
मुझे भी आज गाते हुए देखो
मुलाकाते अधूरी सी अब देखो
उम्मीदें सारी सपनों में देखो
खुद के लिए उसे परेशान देखो
किसी कुएं में जैसे रात देखो
फिर से उन्हें रोते हुए देखो
मुझे भी आज गाते हुए देखो
-प्रभात



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